
लेखक: प्रीतम कुमार अग्रवाल, संस्थापक – Hello Kids
एक ऐसे दौर में जहां बदलाव तेजी से हो रहे हैं, वहां बच्चों में केवल पढ़ाई में अच्छा होना ही काफी नहीं, बल्कि उनमें समझदारी, सहानुभूति और सोचने की क्षमता भी जरूरी है। इसीलिए, शुरुआती बचपन की शिक्षा बहुत महत्वपूर्ण हो जाती है। Hello Kids, भारत की अग्रणी प्री-स्कूल चेन, बच्चों के संपूर्ण विकास के लिए एक मजबूत नींव तैयार कर रही है जो किताबों और क्लासरूम से कहीं आगे जाती है।
देश के टियर 1, टियर 2 और टियर 3 शहरों में Hello Kids के 1030+ से ज्यादा सेंटर्स हैं। यह ब्रांड माता-पिता का भरोसेमंद साथी बन चुका है, जो अपने बच्चों के लिए मूल्य-आधारित, समग्र (होलीस्टिक) और सस्ती शिक्षा की तलाश में रहते हैं। Hello Kids का सपना है कि हर बच्चा चाहे वो किसी भी इलाके या आर्थिक स्थिति से आता हो अच्छी और गुणवत्तापूर्ण शुरुआती शिक्षा पाए।
Hello Kids का पाठ्यक्रम बच्चों के विकास को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। यह उन्हें खोज करने, खुद को व्यक्त करने और जिज्ञासु बनने के लिए प्रेरित करता है। मोंटेसरी, प्लेवे और पारंपरिक भारतीय तरीकों का मेल इस शिक्षा को खास बनाता है, जो हर बच्चे के सीखने के तरीके के अनुसार ढलता है। कहानियों के ज़रिए, खेलों के माध्यम से, समूह में काम करके या छोटी-छोटी बातचीतों से बच्चे सवाल करना, समझना और मिलकर काम करना सीखते हैं।
Hello Kids के लिए लीडरशिप का मतलब सिर्फ बड़ा पद या नाम नहीं है। इसका मतलब है कि बच्चे में आत्मविश्वास हो, वो अपनी बात कह सके, दूसरों की भावनाओं को समझ सके और मुश्किलों का सामना कर सके। ये सभी गुण Hello Kids में रोज़ाना के प्रोत्साहन, जिम्मेदारी सिखाने वाली गतिविधियों और टीमवर्क के ज़रिए बच्चों में डाले जाते हैं।
चरित्र निर्माण भी Hello Kids की शिक्षा का एक बड़ा हिस्सा है। बच्चों को ईमानदारी, दया, और सम्मान जैसे जीवनमूल्यों से रोज़मर्रा के अनुभवों के ज़रिए परिचित कराया जाता है। त्योहारों को मनाना, प्रकृति से जुड़ी गतिविधियां और समाज की जानकारी देना ये सभी बातें बच्चों में अपनी पहचान और समुदाय के लिए जुड़ाव की भावना लाती हैं, जो एक अच्छे नागरिक बनने के लिए जरूरी है।
Hello Kids टेक्नोलॉजी का भी सही इस्तेमाल करता है ताकि पढ़ाई और ज्यादा रोचक बन सके। स्कूलों में डिजिटल टूल्स होते हैं और शिक्षकों को समय-समय पर ट्रेनिंग दी जाती है ताकि वे बच्चों की सोच और जरूरतों को बेहतर समझ सकें।
एक खास बात ये है कि Hello Kids सिर्फ बड़े शहरों तक सीमित नहीं है। ये छोटे शहरों और गांवों में भी अच्छी प्री-स्कूल शिक्षा पहुंचा रहा है, जहां पहले ऐसी सुविधाएं नहीं थीं।
Hello Kids के संस्थापक प्रीतम कुमार अग्रवाल कहते हैं
“हम मानते हैं कि हर बच्चे को एक अच्छा स्टार्ट मिलना चाहिए, चाहे वह कहीं से भी आता हो। Hello Kids में हम बच्चों को सिर्फ स्कूल के लिए नहीं, जिंदगी के लिए तैयार कर रहे हैं। हमारा लक्ष्य है कि हम रचनात्मकता, आत्मविश्वास और सहानुभूति से भरे ऐसे बच्चे तैयार करें, जो आगे चलकर दुनिया में सकारात्मक बदलाव लाएं।”
एक स्पष्ट मिशन, समुदाय-केंद्रित सोच और बच्चों को केंद्र में रखने वाले दृष्टिकोण के साथ Hello Kids भारत में शुरुआती शिक्षा का चेहरा बदल रहा है। जैसे-जैसे देश आगे बढ़ रहा है, Hello Kids चुपचाप लेकिन मजबूती से अगली पीढ़ी के लीडर्स को तैयार कर रहा है—एक समय में एक उज्ज्वल नन्हा चेहरा।